तुमहे प्रस्ताब नैनोका अगर स्वीकार
हो जाए -२
अन्धेरे कोस्ठमे दिलके मेरे उजियार
हो जाए // -२
तुम्हारेहि कदम पर मै चलुंगी साथ् जिबन भर -२
हमारे प्रेम
का दुश्मन भले संसार हो जाए //-२
इसारे हि इसारे हो जुबां से कुछ
बायां न हो -२
हमारे बात से वाकिफ जरा सा भी जहा ना
हो //-२
सनम ने
इश्कमे एसी अजबसी सर्त राख दि है -२
के दिलमे आग तो
सुल्गे मगर कतई वाँ न हो //-२
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